Tuesday, June 6, 2023
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7 माइक्रो आदते जो आपका जीवन बदल देंगी सिर्फ 5 मिनट्स में 

हम हर साल कुछ न कुछ resolution लेते हैं, और सबकी तरह आपने भी लिया होगा. जैसे कि इस साल मुझे एकदम healthy डाइट फॉलो करनी है, इतना पैसा mutual fund में डालना ही डालना है, instagram पर रील्स कम देखनी हैं या और भी बहुत कुछ. 

पर सवाल ये है कि 3 महीने गुजरते गुजरते हम कितने टारगेट्स को अचीव कर पाते हैं या ऐसे कितने ही resolution लेकर हमने कुछ चीजे करनी शुरू की थी वो अभी भी कर रहे हैं. शायद बहुत कम. 

resolutions या माइक्रो आदते

पर ऐसा हो क्यूँ रहा है? हमने जो प्लान किया था वो हो क्यूँ नहीं पा रहा. न्यू इयर के टाइम पर या एग्जाम के रिजल्ट ख़राब आने के बाद जब सोचा था, तब तो काफी उम्मीदे थी. 

इसका एक कारण ये हो सकता है कि शायद ये सब resolution काफी मुश्किल थे या इनमे क्लैरिटी कम थी जिन्हें थोडा busy या hectic दिन में हम continue नहीं कर पाए. 

इसका एक solution ये है कि हम अपने targets को और ज्यादा specific करें, और ज्यादा clear करें. जैसे कि इसकी एक जानी मानी टेक्नीक है कि उसमे कितना, कब और कैसे जोड़ दें यानी कि when, where और how.

और इन resolutions को छोटी छोटी माइक्रो हैबिट्स में ब्रेक कर लें. 

जैसे कि आपने resolution लिया कि आप लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करेंगे. अपने आप पर इतना कठोर न बने और एक माइक्रो हैबिट डेवेलोप करे कि जिस फ्लोर पर आपको उतरना हो उसके एक फ्लोर पहले उतर जाऊंगा या जाउंगी और आखिरी फ्लोर को सीढियों से चढ़ें. 

माइक्रो आदते

इतना होने पर आप प्लान कर सकते हैं कि आप even dates पर दो फ्लोर चढ़ेंगे. आप देखेंगे कि छोटे चैलेंज लेना आसान तो है ही और उनके पूरे होने की probability ज्यादा है. 

आइये देखते हैं कि और ऐसी कौन सी माइक्रो हैबिट्स हैं जिन्हें आप अपनी लाइफ में 5 मिनट में ही अपना सकते हैं. 

खाना खाते समय No स्क्रीन रूल 

आज आप किसी भी restaurant में इंटर करेंगे तो पाएंगे कि बहुत से लोग अपने फ़ोन में लगे हुए हैं, यहाँ तक कि अपने घर पर भी खाना खाते हुए netflix या कोई टीवी प्रोग्राम देखते हैं रहते हैं. या फिर लोग इतने ज्यादा busy हैं कि वो अपने खाने के टाइम को unproductive मानते हैं और उस पर टाइम लगाना टाइम वेस्ट करना समझते हैं और उस टाइम पर कुछ न कुछ करना चाहते हैं. होता क्या है, कि इलेक्ट्रॉनिक device पर ध्यान लगाने से खाना ज्यादा खाया जाता है और हमे पता भी नहीं चलता और ओवर ईटिंग की आदत होने लगती हैं. 

No स्क्रीन रूल 

रूम में स्क्रीन न होने से, आप consciously अपना खाना और खाने के अमाउंट choose कर पाएंगे और बेहतर हैबिट्स के साथ साथ अपने फ्रेंड्स और family के साथ ज्यादा क्वालिटी टाइम बिता पायेंगे. 

1 minute 1 bathroom break rule 

यह रूल भी मैंने एक आर्टिकल में पढ़ा जो कि आपसे शेयर करने लायक है. इस रूल के अंतर्गत जब भी आप को वाशरूम जाना होता है, उसके तो एक मिनट के लिए फिजिकल एक्टिविटी करना है. सिंपल स्ट्रेचिंग, कोई योग का स्टेप, जम्पिंग जैक या पुश अप ही क्यूँ न हो. सिचुएशन के अनुसार आप 1 मिनट अपनी हेल्थ को दीजिये. 

यहाँ तक कि आप वाशरूम तक आते जाते भी शोल्डर को घुमाना, डीप ब्रीथिंग लाइट एक्सरसाइज भी कर सकते हैं. 

हर कॉल के बाद पानी पीना 

आप ये आर्टिकल पढ़ रहे हैं तो इतना माना जा सकता है कि अपनी बॉडी को हाइड्रेटेड रखना कितना जरुरी है, ये आप जानते ही होंगे. पर जैसा कि बताया जाता है कि दिन में १० गिलास पानी पीना चाहिए वो हो पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. 

हर कॉल के बाद पानी पीना

इस टारगेट को पूरा तभी कर सकते हैं जब आप तब भी थोडा पानी पिए जब आपको प्यास न भी लगी हो. Example के तौर पर आपका काम इस तरह का है जिसमे आपको काफी कॉल्स लेनी होती हैं, तो आप हर कॉल के बाद एक घूँट पानी पी सकते हैं, या जैसे मै इस आर्टिकल को लिखते हुए हर पैराग्राफ पर एक घूँट पानी पी रहा हूँ. 

10 सेकंड्स रूल कोई सवाल पूछने से पहले

कई बार आपने लोगो को बोलते हुए सुना होगा कि ‘स्लिप ऑफ़ टंग’ हो गया, यानी कि बोलना कुछ छह रहे थे पर बोल कुछ और गए. और उसके बाद होता है embarrassment और पछतावा, कि ये तो बोलने कि जरुरत ही नहीं थी. 

10 सेकंड्स  रूल कोई सवाल पूछने से पहले

तो मन में कुछ भी अनाप शनाप आने पर तुरंत उस बात को बोलना कई बार भारी पड़ सकता है. इस तरह कि सिचुएशन से बचने के लिए आप 10 सेकंड रूल अपना सकते हैं. इसमें question को पूछने से पहले आपको 10 सेकंड्स तक एनालाइज करना है कि वो सवाल सच में पूछने लायक है क्या? क्या आप उसका उत्तर पहले से ही जानते हैं क्या? अगर जवाब हाँ है तो बिलकुल पूछिए पर अगर जवाब न है तो अपने आप को रोक लीजिये, ट्रेन अभी छूटी नहीं है. 10 सेकंड्स कि जगह आप अपने मन में 10 तक काउंट भी कर सकते हैं. 

सुबह उठ कर अपना बेड तैयार करना

बहुत से लोगो को सुबह उठ कर सबसे पहले चाय चाहिए होती है या फिर अपना फ़ोन चेक करना होता है. बेड को समेटना सुबह सुबह बहुत बोरिंग काम लगता है. लेकिन इसके पीछे काफी गहरी साइकोलॉजी छिपी है. मानिए आपका दिन काफी ख़राब गया, उस दिन कुछ भी अच्छा नहीं हुआ और रात में आप थके हुए घर आते हो. और अपना ख़राब बेड देखते हो. आपको सोने से पहले ही विश्वास हो जायेगा कि सच में दिन अच्छा नहीं था. लेकिन एक अच्छे से लगे हुए बेड से देखकर आपको शायद ऐसा लगता कि कुछ तो है जो आज ठीक है. 

सुबह उठ कर अपना बेड तैयार करना

लॉजिक यह है लाइफ में व्यवस्थित होने की journey आपके दिमाग से शुरू होती है कि ये एक ऐसी माइक्रो हैबिट है जिससे आप दिन कि शुरुआत एक अच्छे नोट पर कर सकते हैं. 

1 hour notification रूल

अभी हम लोगो के फ़ोन में बहुत सारे apps हो गए हैं और सोशल मीडिया जैसे कि whatsapp, फेसबुक, instagram आपको engage करने के लिए दुनिया भर की अपडेट और notification भेजता रहता है. जिससे की आपका mind हमेशा distracted रहता है और आप फोकस न करने की वजह से प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है. 

1 hour notification रूल

1 hour रूल यह कहता है कि आप काम करते समय अपने notification को म्यूट करके रखिये. और सभी mail, whatsapp मेसेज, text मेसेज का रिप्लाई एक साथ कीजिये. आप पाएंगे कि आप ज्यादा फोकस्ड और ज्यादा व्यवस्थित हैं. 

जादू की पुड़िया

जी हाँ, इस हैक के लिए आपको छोटा जिपर पैक चाहिये होगा. हम में से बहुत से लोगो का ये resolution होगा की जंक कम से कम खाना हैं और healthy फ़ूड को जंक फ़ूड के पर प्रायोरिटी देनी है. पर जब हमे भूख लगती है, तो हम फोकस नहीं कर पाते और उस समय जो भी available हो जाए वो खा लेते हैं, चाहे वो आपकी planned कैलोरीज से ज्यादा ही क्यूँ न हो. 

6 जादू की पुड़िया

Example के लिए एक समोसे की कैलोरीज बर्न करने के लिए आपको 2.4 km दौड़ना पड़ेगा और समोसे की न्यूट्रीशन वैल्यू कम होती है. वहीँ आप अगर अपनी जादू की पुड़िया यानी जिपर बैग में कुछ ड्राई फ्रूट्स लेके चलते हो तो आप उन्हें खा सकते हैं. ये healthy आप्शन है और आपकी बॉडी के न्यूट्रीशन जैसे की प्रोटीन की जरुरत को मेन्टेन रखता है. 

तो इन माइक्रो हैबिट्स के बारे में क्या सोचना है आपका ? और क्या आपकी भी कोई ऐसी माइक्रो हैबिट है जिससे आपको अपने आपको improve करने में फायदा हुआ है. तो शेयर करिए हमसे कमेंट सेक्शन में .

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