अगर आपसे ये कहा जाये कि minimalism ( मिनिमलिस्म ) एक ऐसा कांसेप्ट है जिसमे कि आपको अपने इस्तेमाल कि ज्यादातर चीजो को त्याग देना है, अपनी 9-5 की जॉब को छोड़ देना है, आपको कार को इस्तेमाल करना है, ब्लॉग्गिंग करना शुरू कर देना है, फॅमिली को त्याग देना है. तो ये minimalism ( मिनिमलिस्म ) नहीं है. तो फिर क्या है ये कांसेप्ट, लोग क्यूँ इस कांसेप्ट में इतने इंटरेस्टेड हैं और ये आपको लाइफ में कहाँ ले जा सकता है.
minimalism ( मिनिमलिस्म ) का मीनिंग किसी बात की कमी नहीं है बल्कि इसका मतलब है हर चीज परफेक्ट अमाउंट में. इसका बेसिक रूल है कि किसी भी ‘अनावश्यक’ वस्तु को अपनाकर उस पर टाइम, पैसा और एनर्जी को खर्च न करना.

शुरुआत में ये कांसेप्ट थोडा मुश्किल हो सकता है पर जब सब unnecessary चीजे हट जाती हैं और आप एक दम काम की चीजो के साथ बचते हैं. और शायद ये वही चीजे जिनकी आपको एक्चुअल में आवश्यकता थी.
हम कलेक्शन क्यूँ करते हैं?
चलिए एक स्टोरी के साथ try करते हैं. प्रतीक अपनी जॉब के साथ दिए गए क्वार्टर में अछे से रह रहा था और उसके पास जरुरत की लगभग सभी चीजे थी और लाइफ एकदम chill चल रही थी.. कुछ साल बाद उसका ट्रान्सफर हुआ और वहां उसे थोडा बड़ा क्वार्टर ऑफर हुआ. बिना जरुरत होते हुए भी उसने यह क्वार्टर ले लिया.
बड़े घर में आने पर उसका सारा सामान काफी कम एरिया में सिमट गया और उसे और उसकी वाइफ को घर में थोडा खालीपन लगने लगा. एक दिन वो similar क्वार्टर में रहने वाले नए मित्रो के घर जाकर उनसे मिला जहाँ उसने डाइनिंग टेबल देखी. अभी तक प्रतीक और उसकी वाइफ बिना डाइनिंग टेबल के खाना खा रहे थे पर उसे लगा कि डाइनिंग टेबल तो होनी चाहिए.
- डाइनिंग टेबल लेने के बाद टेबल कवर की आवश्यकता होने लगी तो वह खरीदा गया.
- उसके बाद नयी टेबल पर melamine का डिनर सेट लिया गया.
- उसके बाद चेयर ख़राब न हो जाए उसका कवर लिया गया.
- और बाद में चेयर कुशन लिए गए.
- कुछ वाल पेंटिंग जो डाइनिंग रूम में डाइनिंग टेबल को कॉम्प्लीमेंट करती हैं, ली गयी.

और मजे की बात ये कि वो अभी भी डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाना नहीं खाते क्यूंकि उन्हें TV देखते हुए खाना खाने की आदत है जो कि कॉमन एरिया में रखा हुआ है. वैसे प्रतीक के मन में एक और टीवी डाइनिंग एरिया के लिए खरीदने का आईडिया आ चुका है.
इस तरह का behavior और जगह भी देखने को मिलता है जैसे
- एक नयी ड्रेस लेने के बाद उससे मैचिंग शूज, complimentary ड्रेस और एक्सेसरीज खरीदना.
- अगर आपने फिटनेस ट्रेनिंग ज्वाइन की है तो नयी वाटर बोतल, प्रोटीन बार, स्मार्ट वाच खरीदना
- नया टीवी लेने पर, netflix, अमेज़न के सब्सक्रिप्शन, नए स्पीकर, टीवी कैबिनेट लेना.
खैर, पॉइंट ये है कि यह एक ह्यूमन behavior है जो एक नयी चीज लेने के बाद उसे मैच करने के लिए बाकी चीजो को लेने के लिए compel करता है. और हम इस लूप में फंस कर एक के बाद एक चीजे कलेक्ट करते चले जाते हैं. कई बार इन चीजो को हम इस्तेमाल नहीं करते और साल में २ बार इसकी सफाई करके वापस रख देते हैं. या प्रतीक की तरह हर ट्रान्सफर होने पर वो सामान भी ट्रान्सफर करते रहते हैं.
मिनिमलिज्म कैसे हेल्प कर सकती है
मिनिमलिज्म success का ऐसा मंत्र है, जो आपका टाइम, पैसा और आपके resources बचाता है. आप की लाइफ पहले से ज्यादा declutter होती है और आप clearly फोकस कर पाते हैं. जीवन में options होना अच्छी बात हैं पर बहुत ज्यादा आप्शन शायद confusion ही create करती है. वैसे ही resources होना अच्छा है पर इतने resources होना कि हर तरफ confusion दिखाई दे शायद यह अच्छा नहीं है.

आप चाहते हैं कि आप वर्कप्लेस में अपनी चीजे आसानी से खोज पाए, आप अपने स्पेस को declutter करिए और एक दम काम की चीजे ही अपने आसपास रखिये.
आप चाहते हैं कि फ़ोन on करते ही ढेर सारे notification आपको occupy न कर लें तो आप अपने apps की प्रायोरिटी और किस app के notification आपको ब्लाक करने हैं उसमे थोडा समय दें.
आप चाहते हैं कि लाइफ में आपका समय लोगो के साथ productive निकले तो अपनी लाइफ से फालतू और नेगेटिव लोगो को अलग रखने का प्रयास करें.
बेसिक मंत्र minimalism का
कम consume करना और ज्यादा create करना . Desires एक ऐसा vicious सर्किल है जो कभी पूरी हो ही नहीं सकती. जब आप कुछ consume करना शुरू करते हैं तो उसके बाद कुछ और consume करने की इच्छा जागने लगती है और हम और ज्यादा चीजे इकठ्ठा करने में लग जाते हैं. ऐसा करने से लाइफ का काफी समय उन्हें मेन्टेन करने में, consume करने में, इकठ्ठा करने में लग जाता है.
इस जीवन में हमारे पास समय लिमिटेड है और उस पर हमारा कोई कण्ट्रोल नहीं है पर इस समय को हमे कैसे utilize करना है, व्यतीत करना है या व्यर्थ करना है वो हमारे हाथ में पूरी तरह से है.
इस लिमिटेड टाइम को हम चीजे इकठ्ठा करने में, उन्हें मेन्टेन करने में और उनके न होने पर दुखी होने में निकलना कही भी तर्कसंगत नहीं है.
अब दूसरी बात create more ! यानी की आनंद consume करने से ज्यादा create करने में है. अगर आपको क्रिकेट देखना पसंद है, अच्छा है कि आप खेलिए. अगर आपको म्यूजिक सुनना पसंद है तो बेहतर है की घंटो सुनने की बजे आप कोई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट सीखिए. सोशल मीडिया पर फ्रेंड्स बनाना है इससे अच्छा लोगो के बीच जाकर कुछ रियल लोगो से मिलिए.
यही कांसेप्ट है, कम consume करना और ज्यादा create करना
कैसे हम मिनिमलिस्ट बन सकते हैं.
यह कांसेप्ट शुरू में थोडा मुश्किल साबित हो सकता है बुत एक बार शुरू करने के बाद एक्स्ट्रा टाइम, पैसा और रिसोर्स हमेशा आपके पास उपलब्ध रहेंगे जिसे अभी के समय में इकठ्ठा करना, सच में एक मुश्किल काम है. कुछ ऐसे स्टेप्स जिसे आप फॉलो कर सकते हैं minimalism के लिए .
Unnecessary चीजे न खरीदना
केवल उन्ही चीजो को खरीदे जो सच में आपकी लाइफ में वैल्यू ऐड कर रही हैं. रिसेंटली, विराट कोहली ने अपनी ज्यादातर कार बेच दी. पूछे जाने पर उनका कहना था कि उनकी ये सब कार ज्यादातर impulsive buy थी. ये कार को वो ज्यादातर चला नहीं पाते और उन्हें unnecessary उनकी देख रेख भी करनी पड़ती है. अब उनके पास लिमिटेड कार हैं और वो कम रिसोर्सेज में ज्यादा फ्री और comfortable फील करते हैं.
Digital Minimalism
आजकल काफी समय हम लोगो का इलेक्ट्रॉनिक devices पर निकलता है. Unnecessary apps, बिना काम वाले मेल subscription, useless notification को बंद कर अपने devices को काफी हद तक declutter किया जा सकता है और अपनी प्रोडक्टिविटी बढाई जा सकती है.

एक के बदले एक
अगर आपको कोई नयी चीज खरीदनी भी है तो उसके बदले पुरानी वाली को सिर्फ लगाव होने की वजह से रोकना सही नहीं है. उसे डोनेट, या सेल कर सकते हैं. हम लोगो के पास काफी ऐसे लोग होते हैं जिन्हें हमारी useless चीजो से भी उनकी काफी प्रॉब्लम सोल्वे हो सकती हैं. आपकी गराज में ख़राब हो रही साइकिल किसी बच्चे को स्कूल जाने में हेल्प कर सकती है. तो अब जब भी कोई नयी चीज ले तो पुरानी निकल दें, डोनेट कर दें या फिर जरुरत न हो तो घर से हटा दे, clutter न करें.
Desires पर कण्ट्रोल :
आप अगर कल करोडपति भी बन जाते हैं तो ऐसा नहीं होगा कि आपको आपके जीवन की सारी इछाये मिल गई और अब आगे कुछ नहीं है. Us लेवल पर अलग तरह की desires हैं. पर यह तय है कि हैं. Two व्हीलर, कार, सेडान, XUV, luxury कार, प्राइवेट प्लेन? यह कभी ख़तम न होने वाली लिस्ट है और जीवन बहुत छोटा है. माया में न पड़ें, लाइफ एन्जॉय करें.