आज़ के समय में लोगो की कॉमन प्रॉब्लम क्या है? यही कि मैं खुश क्यों नही हूं? क्यों मुझे हमेशा तनाव रहता है? सारी समस्याएं मेरी ही लाइफ में क्यों है?
एकदम सही बात है। पर दूसरी और हम कुछ ऐसे व्यक्ति भी देखते हैं जो हर समय प्रसन्न चित्त रहते हुए अपना जीवन शान्ति से बिता रहे हैं। ऐसा लगता है कि उनकी लाइफ में स्ट्रगल ही नही है, और अगर है तो बहुत ही कम।

Spirituality के बिना जीवन सच में काफी दुखदाई है और हर पल मुश्किल लगता है और दूसरी और Spirituality को प्रैक्टिस करने वाले लोगो के लिए जीवन एकदम शांत और खूबसूरत तरीके से व्यतीत होता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे सीक्रेट्स जो व्यक्ति spiritual होने के बाद ही जान पाता है और पाता है की जीवन में कुछ चीजें जैसे बाकी लोग देख रहे हैं, reality में वो काफ़ी अलग हैं।
Physical world सब कुछ नही है
आज के समय में हर किसी को, किसी न किसी बात का मोह है। ज्यादातर लोगों के लिए ये फाइनेंशियल हो सकता है, किसी के लिए पॉवर हो सकता है या किसी के लिए fame।
पर ह्यूमन ब्रेन इस तरह डिजाइन है कि इसकी लालसा कभी कम नहीं होती। जब जो मिल जाता है उसके बाद आगे की चाह हो जाती है। उदाहरण के तौर पर आपने ऑनलाइन कोई अपनी favourite phone ऑर्डर किया, इसके बाद उसकी डिलीवरी का इंतजार बड़ा मुश्किल लगता है और लगता है कि वह फोन हाथ में आते ही मन excitement में एकदम पागल ही हो जाएगा, पर हाथ में आने के कुछ देर बाद उसका एक्साइटमेंट कम हो जाता है और एक हफ्ते बाद तो काफी कम हो जाता है और आपका मन अब किसी दूसरी वस्तु की चाह करने लगता है।

इसी को माया कहा गया है, मानव का मन असीमित इच्छाओं से भरा हुआ है बस आज कुछ और desire है, कल कुछ और होगी। आज शायद आपको लगे कि मेरी लाइफ़ में कहीं से 50 लाख रुपए आ जाए तो अपनी जैसी बेकार जॉब कभी नहीं करूंगा और मेरी लाइफ sorted हो जायेगी। पर जिसके पास करोड़ो हैं, वो बिजनेसमैन भी शांति से नही बैठा है, बल्कि और ज्यादा पैसा कमाने का तरीका सोच सोच कर परेशान हो रहा है।
आशय यह है कि इच्छाओं की कोई सीमा नही है, और यह फिजिकल वर्ल्ड माया से भरा हुआ है।
फिजिकल चीजों के लिए प्रयास करना गलत नही है। पर हमारे सभी सवालों के जवाब इस रास्ते पर नही मिल पाएंगे, इसके लिए आपको स्पिरिचुअल पाथ पर ही जाना होगा। वहीं पर आपको आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल सकते हैं।
Spirituality आपके चारो और विद्यमान है
ऐसा बोला जाता हैं कि spirituality को experience करना मुश्किल काम है, सही बात है। पर इतना भी नही कि यह संभव न हो पाए। अगर आप से पूछा जाए कि आप कौन हैं, आपका अस्तित्व क्या है? तो, हो सकता है, आप अपना नाम बताए या अपने शरीर को इंगित करते हुए बताए कि मै यह हूं। पर वास्तव में आप एक शरीर नही हैं क्योंकि शरीर आपने इस प्रकृति से इकट्ठा किया है। जो खाया, जिस हवा में सांस ली, जो पिया वह आप हो गए। तो जो आपने इकट्ठा किया, आप वो तो नही हो सकते। इकट्ठा तो आपने धन, संपति भी की है, क्या आप वह हैं? उसी प्रकार आप यह शरीर भी नहीं हैं।

पर यह जानने के लिए, अपने आपको इस शरीर और मन के बाहर से देखने के लिए आपको ध्यान करना जरूरी है। जब आप इस शरीर से बाहर होकर spiritual हो जाएंगे तो आप जानेंगे कि spirituality तो हर जगह विद्यमान है बस जानने की आवश्यकता है ।
दुखो का कारण, spirituality को न समझ पाना
वास्तविकता के ज्ञान का अभाव ही दुखो का कारण था, यह बात एक spiritual व्यक्ति जान जाता है। फिजिकल संसार में हमने बहुत सारे chaos कर रखे हैं और हम लोगो का psychological ड्रामा काफी बिखरा पड़ा है। हम लोगो से पहले करोड़ो लोग, बैक्टीरिया, जाति आई और चली गई और हम इतने बड़े ब्रह्मांड में एक बुलबुले के समान हैं जो आज बना है कल फूट जायेगा, पर हमने इसे बहुत seriously लिया हुआ है। आज के समय में ‘मैं’ शब्द बहुत बड़ा हो है, यही दुखो का मूल कारण है।

परंतु एक spiritual व्यक्ति इस बात को भली भांति समझता है।
हमारी फिजिकल बॉडी एक माध्यम है इन सब स्पिरिचुअल प्रोसेस को समझने का, जिसे हम एक conscious mind से समझ सकते हैं। हम नेचुरल रूप से स्पिरिचुअल ही हैं बस वह भाव कहीं खो गया है।
समय है उसे खोजने का और वापस से आध्यात्मिक हो जाने का ।