“इकिगाई: जापानी सीक्रेट, लम्बी व खुशहाल लाइफ के लिए” एक प्रेरणादायक किताब है जो हमें जीवन के मकसद और कैसे खुश रहा जाये, इस बारे में सिखाती है। यह किताब Héctor García और Francesc Miralles के द्वारा लिखी गई है और इसमें वे जापानी जीवनशैली “इकिगाई” के बारे में विस्तार से व्याख्या करते हैं।

क्या है ये इकिगाई?
अपनी अपने IKIGAI (इकिगाई) को फाइंड करके उसे पर वर्क करने से आप ऐसे लेवल को अचीव कर सकते हो जहाँ कोई भी आपको रिप्लेस नहीं कर सकता, यहाँ तक की टेक्नोलॉजी भी नहीं.
कहाँ से हुई इसकी शुरुआत?
जापान में एक आइलैंड है जिसका नाम है ओकिनावा जहां पर रहने वाले लोग सौ साल से भी ज्यादा जीते हैं. वहां 80 से 90 साल की आगे वाले लोग भी हर रोज खुशी खुशी उठ के अपना काम करते हैं और मरते दम तक रिटायर होने का नाम नहीं लेते. यानी की पूरी दुनिया में सबसे लंबी अच्छी और खुशहाल लाइफ जापान के ओकिनावा में रहने वाले लोग जीते हैं क्योंकि वह लोग एक फार्मूला उसे करके अपनी लाइफ जीते हैं जिसका नाम है इकिगाई यानी कि जीने की वजह.

जापानी लोग मानते हैं कि आप किसी न किसी खास मकसद के लिए ही इस दुनिया में आए होते हो और वह मकसद ही आपका इकिगाई होता है. अगर आप की इकिगाई यानी कि आपका मकसद के अलावा कोई भी काम करते हो तब आपको वह मजा नहीं आएगा और आप हमेशा स्ट्रेस में रहेंगे और आपका दिमाग हर वक्त आपके उसे मकसद की तलाश में ही लगा रहेगा.
लेकिन अच्छी बात यह है कि इस दुनिया में कहीं पर भी रहने वाला इंसान इस जापानी फार्मूला का इस्तेमाल करके अपने इकिगाई यानी कि अपने जीवन के मकसद को फाइंड कर सकता है.
आपका इकिगाई क्या है?
जब भी आप अपनी कॉलेज खत्म करके बाहर करने जाते हो तब आपको एक बहुत बड़ा डिसीजन लेना पड़ता है कि अब आप लाइफ में क्या करोगे? कोई कहेगा तुम्हे जो अच्छा लगे, वह करो. कोई कहेगा तुम जिस काम में अच्छे हो वह करो. कोई कहेगा वह काम करना अच्छा है, जिसमें सबसे ज्यादा पैसे मिले या फिर कोई यह कहेगा ऐसा काम कर जिसकी दुनिया को जरूरत हो और आप दुनिया के काम आ सको. अब इसमें प्रॉब्लम यह है कि हर कोई हमें इस चार में से किसी एक ऑप्शन कोई उसे करने के लिए कहता है जो एक गलत एडवाइस है. इकिगाई इन चारों पार्ट्स का कंबीनेशन है और अगर इसमें से कोई एक पार्ट भी मिस हो तो आपकी लाइफ में क्या प्रॉब्लम्स आ सकती है वह हम नीचे दिए गए डायग्राम की मदद से समझेंगे.
इकिगाई सर्कल्स क्या हैं ?
पहला सर्कल है व्हाट यू लव इसमें वह सारी चीज आती है जो आपको करना पसंद है. दूसरा सर्कल है व्हाट यू आर गुड एट. इसमें वह सारी चीज आती है जो काम आप अच्छी तरह से कर सकते हो थर्ड है व्हाट यू कैन बी पेड फॉर. इसमें वह सारी चीज आती है जिसमें आपको काम के बदले में आपको पैसे मिल सकते हैं. लास्ट फोर्थ सर्कल है व्हाट थे वर्ल्ड नीड्स, इसमें वह चीज आती है जिसकी दुनिया को जरूरत है.
अब देखो फर्स्ट और सेकंड सर्कल के कांबिनेशन से आपको आपका पैशन मिलेगा यानी कि जो चीज करना आपको पसंद है और उसमें आप अच्छे भी हो तो वह काम में आप काफी पैशनेटली कर पाएंगे.
इसी तरह सेकंड और थर्ड सर्किल से आपका प्रोफेशन तय होता है. थर्ड और फोर्थ सर्किल से vocation और अंत में फोर्थ और फर्स्ट सर्किल से मिशन मिलता है.
जैसे कि एक्साम्प्ल के तौर पर प्रोग्रामिंग करना आपको पसंद है और उसका मैं आप काफी अच्छे भी हो तो यूजफुल नॉलेज इकठ्ठी कर प्रोग्रामिंग करना आपका पैशन हुआ और उसके बदले में अगर आपको पैसे भी मिलेंगे प्रोफेशनल की कांबिनेशन से आपको आपका वोकेशन मिलेगा यानी कि जिस चीज के बदले में आपको पैसे मिले और इस चीज की दुनिया को जरूरत हो तो वो काम होगा आपका वोकेशन मतलब आपने बनाई दुनिया की नीड के लिए कोई क्रिएशन सूटेबल है तो वह काम हुआ आपका वोकेशन और लास्ट में आपको आपका मिशन मिलेगा यानी कि जिस चीज की दुनिया को जरूरत हो और वह ही आपका फेवरेट वर्क हो तब वह वर्क करने का रीजन ही आपका मिशन बन जाएगा. तब प्रोग्रामिंग सारे सर्किल को कवर करते हुए आपको इकिगाई बन सकता है.
क्या इतना आसान है इकिगाई ढूंढना?
पर यह इतना सीधा और सिंपल भी नहीं है. एग्जांपल था फिट होगा गया पर रियल लाइफ में काफी प्रोब्लम्स हैं. जैसे कि एक्साम्प्ल के तौर पर आपने लोगो को कहते सुना होगा कि आप अपना पैशन फंड करिए. लेकिन सिर्फ पैशन फाइंड करना काफी नहीं होता क्योंकि वह इकिगाई का सिर्फ एक पार्ट है आपको ऐसा वर्क फाइंड करना चाहिए जो बाकी तीनों कॉम्पोनेंट्स को भी सेटिस्फाई करें.

रियल लाइफ में दुनिया को आपके काम की जरूरत है और वह आपको आपके काम के बदले में पैसे देती है मतलब की जरुरी नहीं कि आपका पैशन यह चारों कॉम्पोनेंट्स को सेटिस्फाई करता हो. आपका पैशन अगर दुनिया के किसी काम का नहीं है या आप उससे पैसे नहीं कम पा रहे हैं तो या आपका इकिगाई नहीं हो पायेगा.
क्या होता है इकिगाई को ढूँढने के बाद?
एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स को जापान के आर्टिस्ट और इंजीनियर बहुत पसंद थे. जब स्टीव जॉब्स ने 1980 में जापान में सोनी फैक्ट्री को विजिट किया तब उन्होंने उनसे कई सारी नई चीज सीखी और अपनी कंपनी में इंप्लीमेंट भी की. स्टीव जॉब्स को डेली यूनिफॉर्म पहनने का आईडिया भी वहीं से मिला था. वर्ल्ड के पॉपुलर एनीमेशन स्टूडियो में से एक जापान के स्टूडियो Ghibili के फाउंडर एंड एनिमेटर Hayao Miyazaki अपने काम में इतने involve हो जाते हैं कि संडे और नेशनल हॉलीडेज के दिनों में भी वह स्टूडियो में भी वर्क कर रहे होते हैं और 79 वर्ष की आगे होने के बावजूद भी वह कभी अपने काम से थकते नहीं क्योंकि उन्होंने अपने इकिगाई को फाइंड कर लिया है और वह उसे पर ही वर्क करते हैं. Japanese chef, Jiro Ono, 94 वर्ष होने के बावजूद भी वर्ल्ड की बेस्ट सुशी बनाते हैं क्योंकि सुशी बनाना उनका इकिगाई है. इसी तरह आप अपना इकिगाई फाइंड करके उस पर वर्क करने से आप एक irreplaceable लेवल को अचीव कर सकते हो एवं टेक्नोलॉजी भी आपको रिप्लेस नहीं कर सकती.

इसका बेस्ट एग्जांपल मार्क कोर्ट हैं, जो विश्व की सबसे महँगी कार Rolls Royce पर अपने हाथ से pinstripe लाइन्स draw करते हैं. ये इतना specific टास्क है कि technology के इतने डेवलपमेंट के बाद भी, आज तक इन्हें कोई नहीं रिप्लेस कर पाया.
अंत में
आपको अचानक से अपना इकिगाई नहीं मिलेगा. आपका इनट्यूशन यानी कि आपके अंदर की आवाज और क्यूरियोसिटी ही आपको आपका इकिगाई फंड करने में हेल्प करेगी. उसके लिए आपको अलग अलग चीज ट्राई करनी पड़ेगी और क्वेश्चंस पूछ के अपने आप को जानना पड़ेगा. और जब भी आपको अपना इकिगाई मिलेगा तब आपको ऑटोमेटेकली पता चल जाएगा कि हां बस इसी चीज की मुझे तलाश थी.
आपको अपने इकिगाई ढूँढने के लिए शुभकामनाएं